August 9, 2025 5:36 am

Author - भाषा सिंह

1971 में दिल्ली में जन्मी, शिक्षा लखनऊ में प्राप्त की। 1996 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
'अमर उजाला', 'नवभारत टाइम्स', 'आउटलुक', 'नई दुनिया', 'नेशनल हेराल्ड', 'न्यूज़क्लिक' जैसे
प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुकी हैं। मैला ढोने जैसी अमानवीय प्रथा पर गहन काम किया है।
दलितों, अल्पसंख्यकों, लैंगिक मुद्दों और अन्य हाशिए के समुदायों पर लेखन के लिए जानी जाती हैं।
2005 में प्रभा दत्त संस्कृति फ़ेलोशिप से सम्मानित हुईं। 2007 में रामनाथ गोयनका पुरस्कार
(प्रिंट, हिंदी) से वर्ष की सर्वश्रेष्ठ पत्रकार के रूप में सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें
एनएफ़आई फ़ेलोशिप, पैनोस फ़ेलोशिप और परी फ़ेलोशिप भी प्राप्त हुई हैं।
दो पुस्तकों की लेखिका हैं – अनसीन (अदृश्य भारत) और शाहीन बाग: लोकतंत्र की नई करवट

लोकतंत्र की नींव हिला रहा बिहार में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण?

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रहे SIR यानी Special Intensive Revision पर सुनवाई में राहत नहीं दी। ADR के जगदीप चोकर का कहना है कि कोर्ट गंभीर नहीं और इससे लोकतंत्र पर...

कुत्ता बाबू, डॉग बाबू और SIR: बिहार में लोकतंत्र की धज्जियाँ

बिहार में SIR प्रक्रिया के दौरान एक डॉग बाबू के नाम पर जारी आवासीय प्रमाण पत्र ने लोकतंत्र की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वोटर लिस्ट से 1.26 करोड़ लोगों को...

क्या गाज़ा में भूख से मरते बच्चों की बात करना अब देशभक्ति के खिलाफ है?

बॉम्बे हाईकोर्ट की विवादास्पद टिप्पणी के बाद यह सवाल उठता है: क्या गाज़ा के भूख से मरते बच्चों के पक्ष में आवाज़ उठाना देशविरोधी है? जानिए इस लेख में पूरी सच्चाई।

नीतीश के EBC वोट बैंक में सेंध लगाने की कांग्रेस की तैयारी पूरी

बिहार चुनाव की तैयारी में कांग्रेस ने EBC वर्ग को केंद्र में रखा है। बेबाक भाषा से खास बातचीत में कांग्रेस नेता शशिभूषण पंडित ने जातीय जनगणना, वोटबंदी और EBC...

जब पाठशाला बन गई मौतशाला

राजस्थान के झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत। हादसा नहीं, सिस्टम की हत्या। पढ़िए बेबाक रिपोर्ट।

बिहार की मतदाता सूचियों में संशोधन का रायता अब देशभर में फैलेगा

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ संसद तक विरोध तेज। चुनाव आयोग ने Special Intensive Revision (SIR) को पूरे देश में लागू करने का संकेत दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

गाज़ा में भूख से मौतों पर घड़ियाली आंसू बहाने से कोई फर्क नहीं पड़ता

गाज़ा में भूख से मरते बच्चों की तस्वीरें दुनिया देख रही है, लेकिन कोई आवाज़ नहीं उठा रहा। इस्राइल के starvation genocide पर भारत समेत पूरी दुनिया क्यों खामोश है? पढ़ें...

मोदी राज में बांग्ला बोलने वाला मुसलमान होना भी गुनाह

मोदी सरकार में बांग्ला बोलने वाले भारतीय मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में डाला जा रहा है। पढ़ें कैसे मजदूरों को अवैध घुसपैठिया बता कर मानवाधिकारों का हनन हो रहा है।

मोदीजी का डंडा चला तो बड़े बेआबरू हो हुई जगदीप धनखड़ की रुख़सती

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा क्यों हुआ? क्या वजह वाकई उनकी सेहत थी या मोदी सरकार के डंडे का असर? पढ़ें पूरी ग्राउंड रिपोर्ट बेबाक भाषा में।

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