किस दम पर सत्ता में वापसी का ख्वाब देख रही है कांग्रेस: शशिभूषण पंडित का विशेष इंटरव्यू
बिहार की राजनीति में “EBC” यानी अत्यंत पिछड़ा वर्ग (Extremely Backward Classes) वह सामाजिक तबका है, जो सत्ता की चाभी थामे बैठा है। 36-38% की जनसंख्या वाला यह वर्ग, न केवल चुनावी समीकरण तय करता है, बल्कि सत्ता की दिशा भी निर्धारित करता है। और अब कांग्रेस इस तबके को साधने में जुट गई है।
बेबाक भाषा के खास कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के EBC विभाग प्रभारी शशिभूषण पंडित से हुई बातचीत में यह साफ झलकता है कि पार्टी ने इस बार EBC को सिर्फ ‘नंबर’ नहीं, ‘निर्णायक ताकत’ मान लिया है।
“जातीय गणना नहीं, तो न्याय नहीं”
शशिभूषण पंडित का कहना है कि कांग्रेस पार्टी पिछले दो सालों से जातीय जनगणना के लिए संघर्ष कर रही है। राहुल गांधी ने संसद में ही स्पष्ट रूप से कहा था – “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी।” तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनते ही सबसे पहले OBC जनगणना कराई गई और उसके आधार पर आरक्षण को 26% से बढ़ाकर 42% किया गया।
“EBC समाज को गिनोगे नहीं तो उसका हिस्सा कैसे दोगे? इसीलिए कांग्रेस चाहती है कि देश में हर वर्ग की हिस्सेदारी को आंकने के लिए व्यापक जातीय सर्वे हो।”
बिहार में ‘वोटबंदी’ और EBC को ‘सिस्टम से बाहर’ करने की कोशिश?
बात केवल आरक्षण की नहीं है। जब हमने उनसे खास सवाल किया कि 2025 की वोटर लिस्ट संशोधन प्रक्रिया (SIR – Special Intensive Revision) को लेकर दलित चिंतक अशोक भारती जैसे लोग इसे “वोटबंदी” क्यों कह रहे हैं – पंडित का जवाब सीधा और सटीक था:
“यह RSS की मनुवादी सोच है। बनिया-ब्राह्मणों की सत्ता बनाए रखने के लिए EBC और दलितों को वोटर लिस्ट से ही बाहर किया जा रहा है। पासपोर्ट, जमीन के कागज़, जाति प्रमाणपत्र — मजदूरों से ये सब कैसे मांग सकते हैं?”
पंडित का मानना है कि इस प्रक्रिया से सबसे अधिक नुकसान EBC समाज को होगा। उनका दावा है कि अगर ये रिवीजन नहीं रुका, तो EBC वोटर बड़ी संख्या में लिस्ट से बाहर कर दिए जाएंगे।
“बिहार से RSS का बहिष्कार हो”: पंडित
जब तेजस्वी यादव ने कहा कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी नहीं रोकी गई तो चुनाव बहिष्कार तक का फैसला लिया जा सकता है, तो शशिभूषण पंडित इससे एक कदम आगे बढ़े:
“हम सिर्फ चुनाव नहीं, RSS का ही बहिष्कार करना चाहते हैं। यह संगठन संविधान को मानता ही नहीं, यह मनुस्मृति को देश का विधान बनाना चाहता है।”
“EBC के पास कांग्रेस का क्या है?” — ये सवाल, और उसका जवाब
EBC लंबे समय तक नीतीश कुमार का कोर वोट रहा है। लेकिन कांग्रेस अब उन्हें साधने के लिए अलग रणनीति पर चल रही है। पंडित कहते हैं:
“केवल आरक्षण से EBC का भला नहीं होगा। जैसा दलितों के लिए विशेष योजना और बजट होता है, वैसा ही अब EBC के लिए भी करना होगा। यही हमारा संकल्प है।”
वह मानते हैं कि कांग्रेस ने अतीत में EBC को लेकर कुछ गलतियां कीं, लेकिन अब राहुल गांधी की अगुवाई में उन्हें दुरुस्त किया जा रहा है।
“EBC के दम पर हम सत्ता में आएंगे”
पंडित ने दावा किया कि कांग्रेस के पास EBC वर्ग से इतने मजबूत नेता हैं कि पार्टी को सत्ता में लाना अब नामुमकिन नहीं। उन्होंने कहा:
“जब BJP 30% वोट पर सरकार चला सकती है, तो हम क्यों नहीं? हमारी EBC आबादी 38% है। हम उन्हें उनका हक देंगे, प्रतिनिधित्व देंगे — और सत्ता भी।”