अमेरिका ने की ईरान पर बमबारी: क्या ट्रंप ने तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत कर दी है?
ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा बंकर बस्टर बम गिराना, न केवल मध्य-पूर्व में तनाव को चरम पर पहुंचाता है, बल्कि तीसरे विश्व युद्ध की पटकथा का पहला दृश्य भी हो सकता है।
इस हमले को ट्रंप ने “आत्मरक्षा” और “शांति बहाली” बताया, लेकिन पूरी दुनिया इसे युद्धोन्माद और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन मान रही है।
💣 BBB – बंकर बस्टर बम और ट्रंप की घोषणा
- अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने फ़ोरडो, नेतान्ज़ और अराब के परमाणु केंद्रों को निशाना बनाया
- ट्रम्प ने स्वयं इस हमले की पुष्टि की
- इस हमले से कुछ ही घंटे पहले उन्होंने “नो वार नो वेपन” जैसी बातें की थीं
48 घंटे में ट्रम्प का बदला चेहरा — शांति से युद्ध तक।
🛑 ईरान का जवाब: “हमले का जिम्मेदार अमेरिका होगा”
ईरान ने अमेरिका पर झूठ फैलाने और युद्ध को भड़काने का आरोप लगाया।
तेहरान ने कहा कि:
- तीनों ठिकानों से पहले ही परमाणु सामग्री हटा दी गई थी
- “Fordow” में कोई रेडिएशन नहीं हुआ, सिर्फ सतही ढांचे क्षतिग्रस्त हुए
- अमेरिका ने युद्ध में प्रत्यक्ष प्रवेश किया है, अब ईरान स्वतंत्र रूप से जवाब देगा
🇺🇳 संयुक्त राष्ट्र का कड़ा बयान
UN महासचिव अंतोनियो गुतरेस ने कहा:
“This is a dangerous escalation and direct threat to international peace and security. It could spiral out of control with catastrophic consequences.”
यानी यह हमला दुनिया की शांति के लिए सीधा खतरा है।
📉 ट्रम्प की पॉलिटिक्स: झूठ, घमंड और नोबेल की भूख
- ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने ईरान की न्यूक्लियर कैपेसिटी खत्म कर दी
- लेकिन ईरान ने इसे एक बड़ा “झूठ” बताया
- ट्रम्प का उद्देश्य — खुद को युद्ध के जरिए “हीरो” बनाना और नोबेल प्राइज तक पहुंचना
“The same mad man who brought you Iran” — सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है
🇮🇱 इज़रायल का दबदबा: अमेरिका का झंडा या इज़रायल का झंडा?
- युद्ध का असली रणनीतिकार – बिन्यामिन नेतन्याहू
- कई अमेरिकी राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है:
“अमेरिका अब खुद का झंडा बदल दे, उसमें इज़रायल का तारा जोड़ ले।”
- सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है “मिश्रित ध्वज”, जिसमें आधा अमेरिका और आधा इज़रायल का झंडा दिखाया गया है
🧭 तीन बड़े सवाल जो पूछे जा रहे हैं
- क्या अमेरिका परमाणु रिसाव के लिए ज़िम्मेदार नहीं होगा?
यदि रेडिएशन फैलता, तो उसकी जवाबदेही अमेरिका पर ही होती — जैसे हिरोशिमा-नागासाकी में हुआ। - अगर ट्रम्प मानते थे कि ईरान के पास बम नहीं है, फिर हमला क्यों?
खुद ट्रम्प ने कहा था: “We know Iran has no nuclear bomb.” तो फिर यह बमबारी क्यों? - क्या भारत चुप रहेगा?
जब अमेरिका और ट्रंप की आलोचना हर तरफ हो रही है, क्या भारत सरकार कोई बयान देगी?

🧠 इतिहास दोहरा रहा है?
जैसे 2003 में इराक पर WMD के झूठे बहाने से हमला हुआ,
जैसे अफगानिस्तान में ओसामा नहीं मिला,
जैसे लीबिया में गद्दाफी के खिलाफ झूठ फैलाया गया…
ठीक वैसे ही ट्रम्प और नेतन्याहू मिलकर एक और देश को तबाह करने निकले हैं — इस बार नाम है ईरान।
📣 निष्कर्ष:
ट्रम्प और नेतन्याहू —
दो ऐसे व्यक्ति जो खुद को “डेमोक्रेसी” का रक्षक कहते हैं,
लेकिन बमबारी, झूठ, युद्ध और सत्ता की भूख में दुनिया को विनाश की ओर धकेल रहे हैं।
क्या यह केवल एक हमला था?
या तीसरे विश्व युद्ध की “औपचारिक शुरुआत”?