वोट चोरी के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग तक विपक्ष का मार्च, बिहार की SIR प्रक्रिया पर गरमाई राजनीति
राहुल गांधी बोले – यह सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं, संविधान और लोकतंत्र बचाने की जंग है। विपक्षी सांसदों का आरोप – “वोट चोरी = लोकतंत्र चोरी”।
दिल्ली की सड़कों पर 11 अगस्त का दिन विपक्षी एकजुटता और आक्रोश का गवाह बना। संसद से लेकर चुनाव आयोग तक करीब 300 विपक्षी सांसदों ने मार्च किया और नारे लगाए – “मोडी शाह कायर हैं”, “वोट चोरी बंद करो”, “वोट चोरी नहीं चलेगी”।
यह विरोध बिहार में मतदाता सूची की विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और वोटरों के नाम काटे जाने के आरोपों के खिलाफ था। विपक्ष का कहना है कि मतदाता सूची में हेराफेरी कर लोकतंत्र की जड़ें खोखली की जा रही हैं।
अखिलेश यादव का बैरिकेड कूदना चर्चा में
मार्च के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का पुलिस बैरिकेड फांदकर नारेबाजी करना सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना। विपक्ष का कहना है कि लोकतंत्र बचाने के लिए उन्हें सड़क से संसद और थाने तक लड़ाई लड़नी होगी।
राहुल गांधी का तीखा बयान
संसद के भीतर राहुल गांधी ने स्पष्ट कहा –
“यह सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं है, यह संविधान बचाने की लड़ाई है। संविधान तभी बचेगा जब एक वोट की एक वैल्यू होगी। जिसकी चोरी मोदी सरकार कर रही है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वोट चोरी रुकी नहीं तो लोकतंत्र का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
चुनाव आयोग पर सवाल
विपक्ष का आरोप है कि करीब 300 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलने गया, लेकिन आयोग ने सभी से मिलने से इनकार कर दिया। विपक्ष का कहना है कि यह रवैया जनता और लोकतंत्र के प्रति जवाबदेही की कमी दिखाता है।
इसके साथ ही राहुल गांधी को हरियाणा चुनाव आयोग द्वारा दस दिन में हलफनामा देने का नोटिस भेजा गया, जिसे विपक्ष राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है।
वोटरों को मृत घोषित करने का मामला
पत्रकार पूनम अग्रवाल ने एक वीडियो जारी कर खुलासा किया कि बिहार में एक जिंदा वोटर को मृत घोषित कर दिया गया और अब उनसे नया फॉर्म भरने को कहा जा रहा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने की संभावना है।
Reporter’s Collective की जांच
Reporter’s Collective की रिपोर्ट के अनुसार, वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र में 5,000 से ज्यादा वोटरों की सूचियों में हेराफेरी हुई है। इसमें उत्तर प्रदेश के वोटरों को सूची में जोड़ा गया और कई असली वोटरों के नाम हटा दिए गए।
‘डॉग बाबू’ से ‘कैटी देवी’ तक का फर्जीवाड़ा
पहले बिहार में ‘डॉग बाबू’ के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी होने का मामला सामने आया था, अब ‘कैटी बॉस’ और उनकी ‘माता’ के नाम पर ‘कटिया देवी’ का प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है। यह चुनाव आयोग की जवाबदेही और सिस्टम की विफलता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
विपक्ष का आरोप
विपक्ष का कहना है कि यह सिर्फ वोट चोरी नहीं बल्कि लोकतंत्र की चोरी है, और जनता के अधिकारों को कुचलने की साजिश है। नारे गूंज रहे हैं – “चुनाव चोर, गद्दी छोड़”।