ईरान की घेराबंदी: क्या दुहराया जाएगा इराक वाला झूठ?
2025 का विश्व राजनीति का परिदृश्य डरावना होता जा रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प ने इज़रायल के साथ मिलकर ईरान पर हमला करने की स्थिति बना दी है। सवाल उठता है—क्या ईरान को भी वही ‘WMD’ (Weapons of Mass Destruction) वाला जाल फंसाया जा रहा है, जिससे इराक को तबाह किया गया था?
🚨 ट्रम्प का धमाका: एक आदेश से युद्ध
- ट्रम्प ने G7 बैठक से वापस लौटते ही आदेश की तैयारी कर दी।
- ट्विटर (अब एक्स) पर चेतावनी दी: “सब तहरान छोड़ दें!”
- इज़रायल ने पहले से ही हवाई हमला शुरू कर दिया।
- ईरान पर आरोप: ट्रम्प की हत्या की कोशिश की।
“ईरान को तबाह करना ज़रूरी है।” – ट्रम्प प्रशासन
यह वही ट्रम्प हैं जो पहले कहते थे, “ईरान के पास कोई न्यूक्लियर हथियार नहीं है” और अब कह रहे हैं कि हमला ज़रूरी है!
🧨 G7 का पक्षपात: सिविलियन की फिक्र कब?
G7 का स्टेटमेंट यह दर्शाता है कि पश्चिमी देश पूरी तरह इज़रायल के साथ हैं। वे कहते हैं:
“हम पश्चिम एशिया में स्थिरता चाहते हैं।”
पर जब इज़रायल ने फिलिस्तीन में 20,000 बच्चों समेत 70,000 से ज़्यादा लोगों को मारा, तब कोई चिंता नहीं जताई। लेकिन जैसे ही ईरान ने जवाबी हमला किया, सबको “सिविलियन” की याद आ गई।
यह वही दोहरे मापदंड हैं जो 2002 में इराक पर हमला करने के समय इस्तेमाल किए गए थे।
🗺️ इराक से ईरान तक: तेल, गैस और भूख का युद्ध
देश | बहाना | असली वजह |
इराक | WMD | तेल |
सीरिया | असद तानाशाह | अमेरिका समर्थक शासन |
ईरान | न्यूक्लियर खतरा | तेल, गैस और भू-राजनीति |
यह नक्शा साफ़ बताता है कि ईरान, इराक, सीरिया—तीनों ऐसे देश हैं जो अमेरिका की भूख के निशाने पर हैं। ईरान आख़िरी मजबूत स्तंभ बचा है जो अमेरिका के सामने झुका नहीं।
🧱 ईरान की मिसाइलें, अमेरिका का शर्मनाक Iron Dome
ईरान ने हाल ही में इज़राइल के तेल अवीव पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं।
- “Iron Dome” फेल हुआ
- अमेरिका की तकनीक बेअसर
- यह हमला एक साइबर तकनीकी रणनीति के ज़रिये किया गया
इज़राइल की मीडिया खुद कह रही है:
“इतिहास में पहली बार इज़रायल इतना असुरक्षित है।”
👥 भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चुप्पी
भारत सरकार ने ईरान और इज़रायल में मौजूद भारतीय नागरिकों को “अपने साधनों से” सुरक्षित जगह जाने की सलाह दी।
- न कोई सरकारी राहत
- न कोई निकासी योजना
- भारतीय दूतावास ने पल्ला झाड़ लिया
“तहरान छोड़ दें, कैसे छोड़ें? अपने साधनों से!”
– भारत सरकार का संदेश
🗣️ “WMD” का नया संस्करण – अब ईरान टारगेट
2003 में अमेरिका ने इराक पर हमला कर दिया था यह कहकर कि उसके पास “Weapons of Mass Destruction” हैं।
कोई हथियार नहीं मिला। सद्दाम मारा गया। देश तबाह हो गया।
2025 में फिर वही स्क्रिप्ट:
- अब कहा जा रहा है ईरान न्यूक्लियर बना रहा है
- जबकि खुद अमेरिकी ऑफिसर कह रहे हैं कि “कोई सबूत नहीं है”
🧩 ट्रम्प का एजेंडा: युद्ध = हीरो बनना = चुनाव जीतना
- G7 में ट्रम्प ने कहा:
“मैंने भारत-पाक युद्ध रोका, अब ईरान-इज़रायल युद्ध भी रोक सकता हूँ।”
लेकिन सच्चाई यह है कि वे खुद युद्ध शुरू कर रहे हैं ताकि अमेरिका में चुनाव जीत सकें।
📌 निष्कर्ष: झूठ की पटकथा, फिर से
ईरान इस समय इराक की तरह घिर रहा है।
- इज़रायल कह रहा है: “हम मानवता की रक्षा कर रहे हैं।”
- अमेरिका कह रहा है: “ईरान खतरनाक है।”
- G7 कह रहा है: “इज़रायल ही पश्चिम एशिया की शांति है।”
लेकिन दुनिया जानती है—यह सब झूठ है।
एक बार फिर, वही स्क्रिप्ट, वही झूठ, वही तबाही।