ब्राज़ील-कनाडा पर नया टैरिफ, UN की स्पेशल रैपॉर्टर पर भी पाबंदी
डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से दुनिया में पाबंदियों और टैरिफ का डंडा चला रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बार नया इतिहास रचते हुए UN की स्पेशल रैपॉर्टर फ्रांसिस्का अल्बानीज़ पर व्यक्तिगत पाबंदी लगा दी है। ट्रंप के इस कदम को वैश्विक स्तर पर अभिव्यक्ति की आज़ादी और मानवाधिकार पर सीधा हमला माना जा रहा है।
UN रिपोर्टर पर पाबंदी क्यों?
UN की स्पेशल रैपॉर्टर फ्रांसिस्का अल्बानीज़ ने हाल ही में 1 जुलाई 2025 को फिलिस्तीन में हो रहे नरसंहार पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में साफ बताया गया कि कैसे फिलिस्तीन के खिलाफ चल रहा युद्ध केवल जमीन हथियाने का नहीं बल्कि एक बड़े बिजनेस का हिस्सा है। उन्होंने लिखा:
“From Economy of Occupation to Economy of Genocide”
फिलिस्तीन के खिलाफ यह युद्ध हथियारों, सुरक्षा तकनीक, कंस्ट्रक्शन कंपनियों, बैंकिंग सेक्टर और एग्रो बिजनेस के विशाल नेटवर्क का हिस्सा है।
फ्रांसिस्का ने न सिर्फ इज़रायल बल्कि उन यूरोपीय देशों को भी घेरा जिन्होंने इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के अमेरिका जाने के लिए अपना एयरस्पेस खोला। उनके इस तेवर ने ट्रंप को नाराज़ कर दिया और पाबंदी लगा दी गई।
ब्राज़ील और कनाडा पर भी टैरिफ का डंडा
ट्रंप ने सिर्फ UN रैपॉर्टर पर ही नहीं, बल्कि ब्राज़ील और कनाडा पर भी नया टैरिफ ठोक दिया है। ब्राज़ील पर 50% और कनाडा पर 35% का टैरिफ लगाया गया है। इसका सीधा कारण यह बताया गया कि ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला ने ट्रंप के दोस्त बोल्सोनारो के खिलाफ चल रहे मुकदमे को रोकने से इनकार कर दिया।
ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो पर आरोप है कि उन्होंने 2022 के चुनाव हारने के बाद सत्ता पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी। लूला के इस मुकदमे पर ट्रंप ने कहा:
“यह मुकदमा बंद होना चाहिए, यह मेरे दोस्त के खिलाफ विच हंट है।”
लूला ने जवाब दिया कि ब्राज़ील अपना देश है और यहां का कानून ट्रंप के अनुसार नहीं चलेगा। ब्राज़ील ने भी जवाबी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।
कनाडा पर भी कार्रवाई
कनाडा पर 35% टैरिफ लगाने का कारण ट्रंप ने सीधे तौर पर यह बताया कि कनाडा ने अमेरिकी कृषि प्रोडक्ट्स पर सख्त स्टैंड लिया है। ट्रंप का कहना है कि अब अमेरिका को नुकसान पहुंचाने वालों को सबक सिखाना ज़रूरी है।
क्या है फिलिस्तीन पर अल्बानीज़ की रिपोर्ट का सार?
- Genocide as Business Model: फिलिस्तीन पर युद्ध का पूरा मॉडल हथियारों, टेक्नोलॉजी, कंस्ट्रक्शन और एग्रो बिजनेस के फायदे के लिए खड़ा है।
- Weapons and Heavy Machinery: हथियार कंपनियों का बड़ा निवेश फिलिस्तीन में हो रहे युद्ध से जुड़ा है।
- Charities and Banks: चैरिटी से लेकर बैंक तक इस युद्ध अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं।
उनकी चुनौती:
“मैं न्याय के पक्ष में खड़ी हूं, चाहे इसकी कीमत कुछ भी हो।”
ट्रंप का संदेश: मैं ही दुनिया का मालिक
ट्रंप का यह कदम साफ दिखाता है कि वे दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि अमेरिका जो चाहेगा, वही होगा। UN जैसी संस्था की स्वतंत्रता पर हमला और ब्राज़ील-कनाडा जैसे देशों पर टैरिफ लगाना इसी अहंकार का हिस्सा है।