War criminal नेतन्याहू कर रहे अपने पार्टनर ट्रंप के लिए शांति के नोबेल की पैरवी
कल्पना कीजिये, एक वार क्रिमिनल (युद्ध अपराधी) अपने लंगोटिया यार को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट कर रहा है। इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को नोबेल पीस प्राइज के लिए नामित किया। यह खबर जितनी हास्यास्पद है, उतनी ही खौफनाक भी।
गाजा में नरसंहार और नोबेल शांति पुरस्कार की विडंबना
2023 से 2025 तक, फिलिस्तीन खासकर गाजा पट्टी में कत्लेआम जारी है। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से लेकर दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन इसे ‘आधुनिक इतिहास का सबसे क्रूर दौर’ बता चुके हैं। अस्पतालों, स्कूलों, रिफ्यूजी कैंपों, पत्रकारों और बच्चों तक को निशाना बनाया गया है।
दक्षिण अफ्रीका द्वारा इंटरनेशनल कोर्ट में दायर केस में नेतन्याहू को वार क्रिमिनल घोषित किया गया। बावजूद इसके, नेतन्याहू ने व्हाइट हाउस में ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन का पत्र सौंपा। ट्रम्प के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। यही ट्रम्प, जिनकी नीतियों ने इज़रायल को फिलिस्तीन पर और अधिक निर्मम हमले करने का हौसला दिया।
नोबेल या नोबेल वार प्राइज?
नेतन्याहू और ट्रम्प की यह जोड़ी, एक तरफ गाजा को तबाह कर रही है, दूसरी तरफ उसे ‘ट्रम्प रिवेरा’ नामक बिजनेस प्रोजेक्ट में तब्दील करने की तैयारी है। ट्रम्प के AI वीडियो में खुद को गाजा में डांस करते दिखाना यह दर्शाता है कि फिलिस्तीन की जमीन, खून और लाशें उनके लिए सिर्फ कारोबार हैं।
बीबीसी और अल जजीरा की ग्राउंड रिपोर्ट्स बताती हैं कि कैसे अमेरिकी मानवीय सहायता के नाम पर लाई गई राहत के दौरान भी इज़रायल की सेना ने निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाईं। हजारों भूखे फिलिस्तीनी नागरिक, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, मौत के घाट उतार दिए गए।
जब हिटलर ने मारा, तब लाइव स्ट्रीम नहीं थी
हिटलर के गैस चैंबर की कहानियां हमने किताबों में पढ़ी। लेकिन इस दौर का यह जैनोसाइड दुनिया के सामने लाइव स्ट्रीम हो रहा है। इसके बावजूद नेतन्याहू और ट्रम्प, नोबेल शांति पुरस्कार का मजाक उड़ाते हुए अपने खूनी गठजोड़ को वैधता देने में लगे हैं।
नोबेल वार प्राइज की दौड़ में ट्रम्प अव्वल
आज फिलिस्तीन के लोग, लाशों में बदल चुकी झुग्गियों, मलबों और भूख के बीच जीने को मजबूर हैं। ऐसे में, नेतन्याहू का ट्रम्प को नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट करना मानो उस पुरस्कार पर तमाचा है। समय आ गया है जब नोबेल पीस प्राइज का नाम बदलकर नोबेल वार प्राइज कर देना चाहिए, जिसमें ट्रम्प और नेतन्याहू निश्चित ही अव्वल आएंगे।