July 10, 2025 8:41 am
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ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और ट्रंप की धमकी

ब्रिक्स सम्मेलन में भारत का अमेरिका और इज़रायल के खिलाफ कड़ा बयान, ट्रंप की धमकी – क्या भारत पर टैरिफ का असर होगा? पढ़ें विस्तार से।

भारत के लिए दोधारी तलवार, पहलगाम पर बात मनवाई तो ग़ज़ा व ईरान पर झुकना पड़ा

दुनिया के सबसे ताकतवर देशों के बीच जारी तनाव अब खुलेआम धमकी तक पहुंच गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS देशों को साफ चेतावनी दी है कि यदि वे अमेरिका विरोधी रणनीति बनाते हैं तो अमेरिका उन पर 10% से 100% तक का अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। ट्रंप की यह धमकी ऐसे समय आई है जब भारत, ब्रिक्स के मंच पर, पहली बार इजराइल और अमेरिका की नीतियों के खिलाफ खुलकर बोला है।

ब्रिक्स: दुनिया की 56% आबादी का प्रतिनिधित्व

ब्रिक्स (BRICS) – ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और दक्षिण अफ्रीका – का हालिया सम्मेलन ब्राजील में हुआ, जहां छह नए देश शामिल हुए। अब यह गुट दुनिया की 56% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। इन नए देशों में सऊदी अरब, ईरान, मिस्र, यूएई, इथोपिया और इंडोनेशिया शामिल हैं। यह विस्तार वैश्विक शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव लाने वाला माना जा रहा है।

भारत का रुख: इजराइल और अमेरिका पर खुला बयान

ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार इजराइल के गाजा नरसंहार और अमेरिका के ईरान पर हमलों के खिलाफ कड़ा बयान दिया। भारत अब तक संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं में इन मुद्दों पर abstain करता रहा है। परंतु इस बार BRICS के संयुक्त बयान पर भारत ने भी हस्ताक्षर कर दिए, जिसमें इसराइल के जनसंहार की निंदा और फिलिस्तीन में तुरंत युद्धविराम की मांग शामिल थी।

ट्रंप की धमकी: भारत निशाने पर

ट्रंप ने BRICS के इस स्टैंड को अमेरिका के खिलाफ मानते हुए कहा –

“Any country aligning itself with the anti-American policy of BRICS will face additional tariff up to 100%.”

यह धमकी भारत के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका के साथ उसका कृषि, व्यापार, रक्षा और तकनीकी क्षेत्र में बड़ा साझेदारी तंत्र है। ट्रंप के बयान से भारत सरकार पर दबाव बढ़ना तय है।

ब्रिक्स की RIO घोषणा: अमेरिका-इजराइल के खिलाफ स्पष्ट स्टैंड

ब्रिक्स नेताओं ने RIO डिक्लेरेशन में कहा –

“We condemn the military strikes against Iran and the use of starvation as a weapon in Gaza.”

यह बयान सीधे-सीधे अमेरिका और इजराइल के खिलाफ गया। साथ ही BRICS ने दुनिया में गरीबी और असमानता दूर करने के लिए वर्ल्ड बैंक के स्ट्रक्चर को बदलने की बात भी कही है।

क्या भारत पर पड़ेगा असर?

मोदी सरकार ने अब तक अमेरिका और इजराइल से करीबी बनाए रखी है। लेकिन BRICS में इस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करना एक बड़ा कूटनीतिक बदलाव है। सवाल यह है कि क्या अमेरिका भारत पर टैरिफ का दबाव बढ़ाएगा? क्या इससे भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी?

ट्रंप की मानसिकता और BRICS की एकता

ट्रंप के बयान से साफ है कि BRICS का यह नया स्वरूप अमेरिका के लिए चुनौती है। सऊदी अरब, UAE, ईरान और इंडोनेशिया जैसे देशों का शामिल होना इस गुट को पश्चिम एशिया और अफ्रीका में नई राजनीतिक ताकत देता है। वहीं चीन और रूस पहले से अमेरिका विरोधी रहे हैं। भारत का स्टैंड, चाहे मजबूरी में ही सही, अब BRICS के साथ दिख रहा है।

अंत में: मोदी सरकार की असली परीक्षा

भारत ने BRICS में जो रुख अपनाया है, वह देश की स्वतंत्र विदेश नीति का संकेत देता है। लेकिन अमेरिका और इजराइल के खिलाफ बोलने की यह हिम्मत, आने वाले दिनों में ट्रंप जैसे नेताओं की धमकी के आगे कितनी टिक पाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

भाषा सिंह

1971 में दिल्ली में जन्मी, शिक्षा लखनऊ में प्राप्त की। 1996 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
'अमर उजाला', 'नवभारत टाइम्स', 'आउटलुक', 'नई दुनिया', 'नेशनल हेराल्ड', 'न्यूज़क्लिक' जैसे
प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों

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