June 14, 2025 8:46 pm
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मोदी के 11 साल का सच | न मणिपुर संभला न देश-दुनिया

देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के 11 साल की हकीकत। उनसे न मणिपुर संभल रहा है जो दो साल से जल रहा है, औऱ न देश-दुनिया संभल रही है जहां उनकी कूटनीति लगातार फेल हो रही है

सुशासन, नारी सम्मान और विदेश नीति के दावों की हकीकत क्या है?

9 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में अपने 11 साल पूरे किए — एक दशक से भी लंबी सत्ता, और उस पर ‘अमृतकाल’ का दावा। विज्ञापनों, पोस्टरों और पीआर कैम्पेन के ज़रिए सरकार यह बताने में लगी है कि यह दौर ‘सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ का है।

लेकिन क्या वाकई ऐसा है?

बेबाक भाषा के दैनिक कार्यक्रम ‘रोजनामा’ में हमने आज इन दावों की गहन समीक्षा की — तथ्यों, ज़मीनी हालात और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के आईने में।

🧨 “पीस इन कश्मीर एंड नॉर्थ ईस्ट”: झूठ का ब्रेकिंग न्यूज़?

गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताई — जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट में शांति
लेकिन तथ्य क्या कहते हैं?

  • 22 अप्रैल 2025, पाहलगाम में आतंकी हमला — जिसमें कई जवान शहीद हुए।
  • मणिपुर 2023 से जल रहा है — कुकी और मैतेई समुदायों में हिंसक टकराव जारी है।
  • इंटरनेट बंद, सेना तैनात, और अब राष्ट्रपति शासन।

🔥 दैनिक भास्कर और हिंदुस्तान जैसे अखबारों ने मणिपुर को पहले पन्ने पर जगह दी, लेकिन मोदी सरकार अब भी चुप है।

🧭 विदेश नीति: विश्वगुरु से विश्ववंचित तक

11 सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने 90 से अधिक देशों की यात्रा की। लेकिन:

  • Operation Sindoor के समय ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने ही युद्ध रोका
  • रूस ने भी ट्रम्प के बयान की पुष्टि की।
  • सऊदी अरब ने भारत को वर्क वीजा से हटाया — कोई विशेष संबंध नहीं।

सवाल उठता है:

जब विदेश नीति पर सबसे ज़्यादा पैसे और वक्त खर्च हुआ, तो हमारी अंतरराष्ट्रीय हैसियत कमजोर क्यों हुई?

🎙️ 11 साल में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं?

देश के प्रधानमंत्री ने अब तक एक बार भी स्वतंत्र प्रेस के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की

  • जब भी कैमरे के सामने आते हैं, वो पहले से तय सवालों और पालतू मीडिया के साथ।
  • अमेरिका जैसी जगहों पर मजबूरी में प्रेस से बात की गई — वरना भारत में संवाद की कोई परंपरा नहीं।

🔥 मणिपुर: सुशासन की असलियत

  • मणिपुर में पांच जिलों में हिंसा, बसों को आग, पुलिस पर हमले, किडनैपिंग के प्रयास — सब कुछ केंद्रीय सरकार के कंट्रोल में।
  • लेकिन प्रधानमंत्री न मौनव्रत तोड़ते हैं, न गृह मंत्री कोई ठोस समाधान देते हैं

👩‍⚕️ नारी सम्मान या नारी अपमान?

मोदी सरकार के 11 सालों में “नारी शक्ति का सम्मान” बड़ी लाइन है। लेकिन:

  • सतपाल मलिक, मोदी द्वारा नियुक्त जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल, ने खुद कहा कि पुलवामा हमला सुरक्षा चूक थी — कोई जवाब नहीं आया।
  • बीजेपी मंत्री विजय शाह द्वारा महिला सेना अधिकारी का अपमान — पीएम ने एक शब्द नहीं कहा।
  • बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप — फिर भी पार्टी चुप है।

क्या यह है नारी सम्मान?

🍚 फ्री राशन और अमृतकाल?

मोदी सरकार 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है — यह दावा किया जा रहा है। लेकिन यह सवाल उठता है:

  • क्या वाकई 140 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ लोग इतने गरीब हैं कि फ्री राशन की ज़रूरत पड़े?
  • और क्या यह गरीबी मिटाने की विफलता का प्रतीक नहीं?

📣 निष्कर्ष: 11 साल का अमृतकाल या सड़े हुए वादों की मियाद?

मोदी सरकार के 11 सालों का दावा जितना भव्य है, वास्तविकता उतनी ही कठोर:

  • मणिपुर में हिंसा,
  • प्रेस से दूरी,
  • विदेश नीति की विफलता,
  • नारी सम्मान पर मौन,
  • और जनता की मूल समस्याओं पर केवल प्रचार।

“अमृत” का स्वाद शायद सिर्फ विज्ञापनों में है, ज़मीनी हकीकत अब भी तीखा और कड़वा है।

भाषा सिंह

1971 में दिल्ली में जन्मी, शिक्षा लखनऊ में प्राप्त की। 1996 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
'अमर उजाला', 'नवभारत टाइम्स', 'आउटलुक', 'नई दुनिया', 'नेशनल हेराल्ड', 'न्यूज़क्लिक' जैसे
प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों

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