ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में हंगामा: अमित शाह पर भारी पड़े ओवैसी, अखिलेश के भाषण भी
“ट्रंप ने कहा मैंने समझौता कराया – मोदी जी अब भी खामोश क्यों?” यही सवाल लोकसभा से लेकर देश के नागरिकों तक गूंज रहा है। ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला, और सीज़फायर जैसे बेहद गंभीर विषयों पर केंद्र सरकार की सफाई से ज़्यादा विपक्ष के सवाल भारी पड़ते नज़र आ रहे हैं। ट्रंप ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच उन्होंने ही सीज़फायर कराया, लेकिन मोदी सरकार अब तक न तो इस दावे को स्वीकार कर रही है, न ही खंडन।
ट्रंप का दावा, सरकार की चुप्पी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच से बार-बार यह दोहराया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर करवाया और बदले में व्यापार समझौते की पेशकश की। सवाल है – अगर भारत ने अपनी शर्तों पर पाकिस्तान को झुकाया, जैसा कि गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दावा कर रहे हैं, तो फिर ट्रंप के दावे पर सरकार चुप क्यों है? क्यों प्रधानमंत्री मोदी सदन में स्पष्ट रूप से नहीं कहते कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं?
प्रियंका गांधी का धारदार हमला
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में सरकार को सीधे ललकारते हुए पूछा – “पहलगाम में हमला हुआ, सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, फिर अचानक सीज़फायर क्यों किया गया? जब दुश्मन घुटनों पर था, तब क्यों जंग रोकी गई?” उन्होंने कहा, “ये विश्वासघात है उन 26 भारतीयों के साथ जो आतंकी हमले में मारे गए।”
प्रियंका गांधी ने सरकार की जवाबदेही पर भी सवाल उठाया और 2008 के मुंबई हमले के बाद तत्कालीन गृहमंत्री शिवराज पाटिल के इस्तीफे का हवाला देते हुए कहा – “मनमोहन सिंह सरकार में जवाबदेही थी। कसाब को पकड़ा गया, फांसी दी गई। यहां कोई इस्तीफा नहीं, कोई जवाब नहीं। बस लंतरानियाँ।”
अमित शाह का पलटवार और प्रियंका का जवाब
अमित शाह ने अपने भाषण में सोनिया गांधी के आंसुओं का उल्लेख किया, जिसका तीखा जवाब प्रियंका गांधी ने बेटी के रूप में दिया –
“मेरी मां के आंसू तब गिरे जब उनके पति को देश के लिए कुर्बान किया गया। आज मैं उन 26 परिवारों के दर्द को महसूस करके बोल रही हूं।”
ओवैसी का सीधा वार: जय शाह, पाकिस्तान और डबल स्टैंडर्ड
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में उठाया सबसे विस्फोटक सवाल – “जब सरकार कहती है कि पाकिस्तान को 80% पानी रोक दिया गया, वीजा रद्द कर दिए गए, सारे व्यापारिक संबंध खत्म कर दिए गए, तब भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच कौन और क्यों करवा रहा है?”
उन्होंने सीधे तौर पर गृह मंत्री के बेटे जय शाह पर निशाना साधा जिनकी अध्यक्षता में एशिया कप भारत-पाकिस्तान मैच प्रस्तावित है।
अखिलेश यादव की चुभती बात
सपा नेता अखिलेश यादव ने सदन में पूछा – “क्या इत्तेफाक है कि जिस दिन संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस होनी थी, उसी दिन आतंकियों का एनकाउंटर होता है?” उन्होंने पुराने स्केच के फेल होने और सुरक्षा चूक की ओर भी इशारा किया।
विपक्ष के साझा सवाल
- पहलगाम आतंकी हमला किसकी नाकामी है?
- ट्रंप के दावे का खंडन क्यों नहीं कर रहे मोदी जी?
- अगर दुश्मन घुटनों पर था, तो पीओके क्यों नहीं लिया गया?
- सेना के अधिकारियों ने राजनीतिक दबाव की बात क्यों की?
- क्रिकेट मैच किसके निर्देश पर हो रहा है?
मोदी सरकार की रणनीति: जवाब से ज़्यादा सवाल
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह बार-बार 370, नेहरू, इंदिरा गांधी, और कांग्रेस का हवाला देते रहे, लेकिन सीज़फायर के असल कारण और ट्रंप के दावों पर चुप्पी बनी रही। सदन में मोदी सरकार के तेवर तो आक्रामक दिखे, लेकिन जवाबदेही का अभाव भी उतना ही स्पष्ट था।
निष्कर्ष
लोकसभा में हुई यह बहस सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर तक सीमित नहीं थी। यह बहस इस बात की भी थी कि क्या भारत की विदेश नीति अब दूसरों के इशारे पर चल रही है? क्या मोदी सरकार की ‘मजबूत नेतृत्व’ की छवि दरक रही है? और क्या जवाबदेही अब इतिहास बन गई है?
देश इंतजार कर रहा है उस जवाब का, जो अभी तक नहीं आया – “क्या ट्रंप ने झूठ कहा?”