भारत-पाक सीजफायर और ट्रंप-मोदी की अंतहीन सियासी जंग
एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी — जो खुद को “विश्वगुरु” की रेस में मानते हैं,
और दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प — जो लगातार भारत-पाकिस्तान के बीच “सीजफायर” की दलाली करते दिखाई दे रहे हैं।
लेकिन अब यह सवाल गहराने लगा है:
क्या ट्रम्प और मोदी के रिश्ते में दरार आ चुकी है?
📞 35 मिनट की कॉल और एक राजनयिक झटका
10 मई 2025 को ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया है।
लेकिन भारत सरकार की तरफ से प्रत्यक्ष रूप से कुछ नहीं कहा गया।
फिर आया विदेश सचिव विवेक मिसरी का वीडियो बयान, जिसमें स्पष्ट किया गया कि:
“भारत और पाकिस्तान ने आपसी बातचीत से युद्धविराम लिया। अमेरिका की कोई मध्यस्थता नहीं थी।”
🔥 ट्रम्प की प्रतिक्रिया: I Love Pakistan
इस बयान के कुछ ही घंटे बाद, ट्रम्प ने फिर से मीडिया में एक चौंकाने वाला बयान दिया:
“I Love Pakistan.”
यह बयान ऐसे समय पर आया जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान पर सैन्य दबाव बनाया था।
ट्रम्प का यह “पाकिस्तान प्रेम” मोदी के लिए एक सार्वजनिक अपमान की तरह देखा गया।
🕵️♂️ ट्रम्प की चाल: इरान के खिलाफ पाकिस्तान को साधना?
ट्रम्प का पूरा लक्ष्य पाकिस्तान को अपने पाले में लाना है।
क्यों?
क्योंकि इरान पर हमले के लिए पाकिस्तान के एयरस्पेस की ज़रूरत है।
इसके बदले ट्रम्प ने मुनीर को क्या ऑफर किया?
- US डिफेंस टेक्नोलॉजी
- इरान के खिलाफ रणनीतिक समर्थन
- फुल मिलिटरी सपोर्ट
इस डील के तहत पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को अमेरिका बुलाया गया,
जहाँ पहली बार एक पाक आर्मी चीफ को राष्ट्रपति ट्रम्प ने लंच पर बुलाया।
🧠 ट्रम्प बनाम मोदी: रणनीतिक, व्यक्तिगत और राजनीतिक टकराव
- ट्रम्प चाहते हैं व्यापार और सैन्य डील
- मोदी जी चाहते हैं ‘विश्वगुरु’ की छवि और स्वायत्त सैन्य निर्णय
- ट्रम्प भारत-पाकिस्तान को ‘पैकेज डील’ बनाना चाहते हैं
- मोदी जी को मुनीर जैसे सेना प्रमुख से बराबरी पर रखना मंज़ूर नहीं
पवन खेड़ा ने सवाल उठाया:
“140 करोड़ की जनता द्वारा चुना गया प्रधानमंत्री,
एक आर्मी जनरल के साथ कैसे तुलनीय हो सकता है?”
🗣️ मौन मोदी: जब ट्वीट भी नहीं किया गया
इस पूरी घटना में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि
मोदी जी ने एक ट्वीट भी नहीं किया।
- जबकि वो आमतौर पर पैर फिसलने पर भी ट्वीट करते हैं
- लेकिन ट्रम्प के “I Love Pakistan” वाले बयान पर चुप्पी
क्या यह ट्रम्प से डर था?
या भारत की विदेश नीति अब फील-गुड PR तक सीमित हो चुकी है?
📺 दोगली मीडिया और लापता जवाबदेही
ग़ौर करने की बात है कि
- भारत का तथाकथित मुख्यधारा मीडिया इस मुद्दे पर ख़ामोश रहा
- सरकार की ओर से सीधे प्रधानमंत्री के स्तर पर कोई बयान नहीं आया
- ट्रम्प ने बार-बार मोदी को “सीजफायर क्रेडिट चोर” साबित करने की कोशिश की
🌍 अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी और भारत की छवि
यह सब कुछ ऐसे समय पर हुआ जब:
- इरान-इज़राइल युद्ध उग्र रूप ले रहा है
- पाकिस्तान अमेरिका का सैन्य भागीदार बन रहा है
- रूस ने यूक्रेन में अमेरिका की एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त कर दिया है
- G7 बैठक में मोदी को “नोटिसेबल साइडलाइनिंग” का सामना करना पड़ा
🔎 निष्कर्ष: सवाल बहुत हैं, जवाब एक भी नहीं
- सीजफायर का असली कारण क्या था?
- मोदी ने खुद बयान क्यों नहीं दिया?
- ट्रम्प के ‘पाकिस्तान प्रेम’ के पीछे असली खेल क्या है?
- क्या भारत को नई विदेश नीति की ज़रूरत है?
जब देश के सम्मान का सवाल है, तब चुप्पी नहीं, प्रतिउत्तर जरूरी है।