डेड इकॉनमी पर ट्रम्प की टिप्पणी और राहुल गांधी का सवाल: खामोश क्यों है मोदी सरकार?
“Everybody knows that Indian economy is a dead economy.”
डोनाल्ड ट्रम्प के इस बयान ने भारतीय राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत की सरकार—जो खुद को राष्ट्रवादी कहती है—ऐसे शर्मनाक बयान पर खामोश क्यों है? और जब राहुल गांधी ने इस पर सवाल उठाया तो उन्हीं पर हमले क्यों तेज हो गए?
बीजेपी, मोदी सरकार और उसके प्रवक्ता राहुल गांधी को देशद्रोही ठहराने में व्यस्त हैं, लेकिन ट्रम्प के बयान पर उनका मुँह सील गया है। क्या यह वही पार्टी है जो हर विरोधी आवाज को “टुकड़े टुकड़े गैंग” का हिस्सा बताती है, लेकिन विदेशी राष्ट्रपति द्वारा भारत को “डेड इकॉनमी” कहे जाने पर मौन धारण कर लेती है?
राहुल गांधी का करारा जवाब
राहुल गांधी ने न सिर्फ ट्रम्प के बयान पर सरकार से जवाब माँगा बल्कि यह भी कहा:
“पूरी दुनिया जानती है कि इंडियन इकॉनमी डेड इकॉनमी है। बीजेपी ने इसे खत्म कर दिया है, और यह सब अडानी जी की मदद करने के लिए किया गया है।”
इस बयान के बाद सरकार समर्थक चैनलों, ट्रोल आर्मी और मंत्रियों ने राहुल गांधी को कटघरे में खड़ा कर दिया। लेकिन किसी में इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वह ट्रम्प को दो टूक कहे—“शट योर माउथ।”
ट्रम्प पर चुप्पी क्यों?
प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में से किसी ने ट्रम्प के बयान का खंडन नहीं किया। सवाल ये भी है कि जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ ट्रम्प निवेश की बातें करते हैं और भारत को ‘डेड इकॉनमी’ कहते हैं, तो भारत सरकार की तरफ से कोई विरोध दर्ज क्यों नहीं कराया गया?
आर्थिक संकट और सरकार की विफलता
आज भारत की अर्थव्यवस्था जिन मुश्किलों से जूझ रही है, वे केवल बयानबाजी का मामला नहीं हैं:
- सरकारी बैंकों ने ₹9,000 करोड़ जनता से सिर्फ “मिनिमम बैलेंस” ना रखने पर काट लिए हैं।
- टैक्स का बोझ बढ़ा है, लेकिन रोजगार के मौके घटे हैं।
- और अब अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है।
इस बीच सरकार और बीजेपी के सांसद ट्रम्प का नाम तक लेने से डर रहे हैं।
असली गुनहगार कौन?
सवाल यह है कि राहुल गांधी पर हमला आसान है, लेकिन ट्रम्प को जवाब देना क्यों मुश्किल है? क्यों सरकार संसद में ट्रम्प का नाम नहीं लेती? क्यों जनता को यह नहीं बताती कि भारत की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
ट्रम्प के भारत विरोधी बयानों पर खामोशी 140 करोड़ भारतीयों का अपमान है। और अगर कोई इसका सवाल उठाता है, तो उसे देशद्रोही करार दे दिया जाता है।
निष्कर्ष:
राहुल गांधी ने जो सवाल उठाया है, वह सिर्फ एक बयान पर प्रतिक्रिया नहीं है। वह भारत की आर्थिक हालत, विदेश नीति की असफलता और सरकार की जवाबदेही पर सीधा सवाल है। और जब तक इस पर ईमानदारी से बात नहीं होगी, ट्रम्प जैसे नेता भारत को खुलेआम “डेड इकॉनमी” कहकर अपमानित करते रहेंगे।