August 8, 2025 11:26 pm
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प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद: क्या माफी मांगेंगे पीएम मोदी?

पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के केस में उम्रकैद की सजा। क्या पीएम मोदी अब माफी मांगेंगे, जिन्होंने इस बलात्कारी को समर्थन दिया था? पढ़िए बेबाक विश्लेषण।

Mass rapist रेवन्ना का साथ देने पर अब चुप क्यों बैठे हैं भाजपा के नेता

पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के पोते और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को अदालत ने 400 से अधिक महिलाओं के साथ बलात्कार और वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग के एक मामले में दोषी ठहराया है। उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। लेकिन बड़ा सवाल यह है—क्या प्रधानमंत्री मोदी अब देश की महिलाओं से माफी मांगेंगे, जिन्होंने इस बलात्कारी को अपना समर्थन दिया था?

एक बलात्कारी को प्रधानमंत्री का समर्थन

प्रज्वल रेवन्ना, जनता दल (सेक्युलर) के नेता और पूर्व पीएम एच. डी. देवेगौड़ा के पोते, लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और पीएम मोदी के समर्थन से मैदान में उतरे थे। जिस वक्त पीएम मोदी उनकी उम्मीदवारी का प्रचार कर रहे थे, उनके पास और बीजेपी के पास यह जानकारी थी कि रेवन्ना पर गंभीर यौन शोषण के आरोप हैं, और 4000 से अधिक वीडियो साक्ष्य के रूप में मौजूद हैं।

उस समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने खुलकर कहा था कि मोदी एक “मास रेपिस्ट” का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद, पीएम मोदी ने रेवन्ना को अपने मंच पर खड़ा किया और वोट मांगे। यह नारा तक दिया—”हर वोट प्रज्वल को नहीं, मोदी को जाएगा।”

अदालत ने सुनाई उम्रकैद, लेकिन सन्नाटा क्यों?

अब जब अदालत ने रेवन्ना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, तो सवाल उठता है कि क्या देश के प्रधानमंत्री अपनी गलती स्वीकार करेंगे? क्या वे देश की महिलाओं से माफी मांगेंगे कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को चुनावी मंच से वैधता दी, जिसने अपने आधिकारिक सांसद आवास तक का इस्तेमाल बलात्कार और ब्लैकमेलिंग के लिए किया?

यह केवल रेवन्ना का मामला नहीं है। यह बीजेपी की एक लंबी परंपरा का हिस्सा है, जिसमें कुलदीप सेंगर, ब्रज भूषण शरण सिंह, आसाराम बापू और राम रहीम जैसे आरोपियों को संरक्षण मिलता रहा है।

महिलाओं की लड़ाई और मीडिया की चुप्पी

जिस महिला ने सबसे पहले प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ आवाज़ उठाई, वह न केवल घरेलू कामकाजी वर्ग से थी, बल्कि बेहद ताकतवर राजनीतिक परिवार से टकराई। उन्होंने सबूत जुटाए, बयान दिए, और अदालत में डटी रहीं। यह बहादुरी है, जो लोकतंत्र की उम्मीदें बचाए हुए है।

लेकिन क्या आपने इस केस को किसी बड़े मीडिया चैनल पर हेडलाइन बनते देखा? क्या वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी में इसका जिक्र हुआ? शायद नहीं। क्योंकि यह मामला बीजेपी के समर्थन वाले एक बलात्कारी से जुड़ा था।

क्या मोदी माफी मांगेंगे?

आज सवाल सीधा है—क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब प्रज्वल रेवन्ना को चुनावी मंच से समर्थन देने के लिए माफी मांगेंगे? क्या वह “बेटी बचाओ” का नारा देने के बाद, बलात्कारियों के साथ खड़े होने की शर्मिंदगी स्वीकार करेंगे?

या फिर एक बार फिर सत्ता के लिए नैतिकता की बलि चढ़ेगी?

भाषा सिंह

1971 में दिल्ली में जन्मी, शिक्षा लखनऊ में प्राप्त की। 1996 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
'अमर उजाला', 'नवभारत टाइम्स', 'आउटलुक', 'नई दुनिया', 'नेशनल हेराल्ड', 'न्यूज़क्लिक' जैसे
प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों

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