June 14, 2025 9:39 pm
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चीन का नाम काहे नहीं लिया मोदी जी!

मोदी जी ऑपरेशन सिंदूर के तहत विदेशी सामान हटाने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन चीन का नाम नहीं ले रहे। साथ ही योगी सरकार चीनी कंपनियों को यूपी बुला रही है। जानिए पूरा सच इस लेख में।

छोटी आंख वाले चीनी गणेशजी को PM भारत आने से रोक क्यों न पाए?

चीन का नाम क्यों नहीं लिया मोदी जी? जब आपने “छोटी आंखों वाले गणेश मूर्ति” का जिक्र किया, तब हमें तो फौरन समझ आ गया कि आप चीन की ही बात कर रहे हैं। लेकिन कसम से, हम सुनना चाहते थे—आपके श्रीमुख से साफ-साफ, ऊँचे स्वर में—“बायकॉट चाइनीज़ प्रॉडक्ट्स!”

आपने कहा नहीं, कोई बात नहीं। अगली रैली में सही। पर भक्तों की व्हाट्सएप ब्रिगेड बेसब्री से इंतज़ार कर रही है आपके उस ऐलान की, जिससे वे “चीनी से लेकर चीन तक” का बायकॉट शुरू कर सकें।

पर योगी जी तो चप्पल से चीन को गले लगा बैठे!

प्रधानमंत्री जी, आप एक तरफ दुकानदारों से विदेशी सामान हटवाने की कसम दिला रहे हैं। दूसरी ओर आपके प्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने चीन की सात जूता-चप्पल कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश का न्योता दे दिया—ढाई हज़ार करोड़ का निवेश कानपुर और आगरा के फुटवियर पार्क में!

क्या ये वही यूपी सरकार नहीं है जिसने 2020 में घोषणा की थी कि चीन की कंपनियों को यूपी में प्रोजेक्ट नहीं मिलेंगे? लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद योगी जी ने “राजनीतिक पलटी” मार ली है—सीधे देसी चप्पल व्यापारियों की पीठ पर।

और खुद आप… विदेशी पिचकारी, विदेशी घड़ी, विदेशी पेन?

मोदी जी, जनता पूछ रही है—क्या 11 साल में 11 होली के बावजूद, आपने विदेशी पिचकारी नहीं हटाई? गणेश जी की आंखें नहीं खुलीं तो क्या आपकी भी बंद रहीं?

और जब आपने “विदेशी वस्त्र हटाओ” का नया मंत्र दिया, तब हमारी निगाह टिक गई आपकी सदरी में लगे उस चमचमाते पेन पर। क्या वह देसी है या मॉन्ट बैंक का विदेशी पेन?

  • आपकी घड़ी – Movado की?
  • चश्मा – Maybach या Bvlgari का?
  • फोन – Apple का?
  • कार – BMW या Mercedes?

तो अब क्या हम आपको इन सबके बिना देख पाएंगे?

भक्तों के लिए शपथ, पर खुद क्या आप भी विदेशी चीजें छोड़ेंगे?

आप कह रहे हैं कि दुकानदार विदेशी सामान न बेचें। लेकिन ये सवाल उठता है कि पिछले 11 सालों में सरकार ने विदेशी कंपनियों को भारत से क्यों नहीं रोका?

क्या चीन से व्यापार घाटा—जो अब $100 बिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है—भी भक्तों के पल्ले पड़ेगा?

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत का बयान सीधे चोट करता है:

“मोदी राज में चीन से व्यापार घाटा सबसे ज़्यादा बढ़ा है। और आप विदेशी पिचकारी के पीछे पड़ गए हैं!”

और अडानी-अंबानी पर मौन क्यों?

यह लेख चीन की कंपनियों के साथ आपके प्रिय उद्योगपतियों के रिश्तों पर सवाल नहीं उठाता—हालांकि कांग्रेस ने तो ये मुद्दा संसद से लेकर सड़क तक उठाया है।

लेकिन, मोदी जी, क्या ऑपरेशन सिंदूर का मतलब सिर्फ छोटे दुकानदारों की कुर्बानी है?

निष्कर्ष: नाम लो मोदी जी—नाम लो!

हम तो बस इतना कह रहे हैं मोदी जी:

👉 नाम लो चीन का
👉 आदेश दो योगी जी को सौदा रद्द करें
👉 खुद विदेशी चीज़ें छोड़ें
👉 और फिर “बायकॉट चाइना” के पोस्टर से लेकर हर भक्त का दिल जीत लो

अगर ये सब मुश्किल हो तो कम से कम एक और जुमला चलाइए —
“चीनी का बायकॉट”
बोलिए तो सही, भक्तगण झोला लेकर निकल पड़ेंगे।

भाषा सिंह

1971 में दिल्ली में जन्मी, शिक्षा लखनऊ में प्राप्त की। 1996 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
'अमर उजाला', 'नवभारत टाइम्स', 'आउटलुक', 'नई दुनिया', 'नेशनल हेराल्ड', 'न्यूज़क्लिक' जैसे
प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों

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