कमल हासन को SC से राहत, लेकिन क्या कर्नाटक की जनता देगी समर्थन!
कमल हासन की बहुप्रतीक्षित फिल्म ठग लाइफ जब 5 जून को भारत भर में रिलीज़ हुई, तो यह उम्मीद की जा रही थी कि यह उनकी अभिनय और निर्देशन क्षमता का जश्न होगी। लेकिन कर्टक में यह फिल्म रिलीज़ नहीं हो सकी—न कारण सेंसर बोर्ड था, न कंटेंट, बल्कि एक भाषाई टिप्पणी थी जिसने दक्षिण भारत में एक नया विवाद खड़ा कर दिया।
🗣️ क्या कहा कमल हासन ने?
दरअसल, कमल हासन ने 28 मई को बैंगलुरू में फिल्म के प्रमोशन के दौरान कहा:
“कन्नड़ भाषा तमिल से निकली है।”
बस, यही बयान कई कन्नड़ भाषी समूहों को असहनीय लगा।
- कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स ने दो दिन के भीतर माफ़ी मांगने का अल्टीमेटम दे दिया
- और माफी न मिलने पर राज्य में फिल्म की रिलीज़ रुकवा दी गई
🎬 फिल्म रिलीज़ और सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
- फिल्म की भारत भर में रिलीज़ 5 जून को हुई
- लेकिन कर्नाटक में थिएटर मालिकों और डिस्ट्रीब्यूटर्स ने प्रदर्शनकारियों के डर से रिलीज़ टाल दी
- इसके बाद निर्माता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
- 19 जून को सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ आदेश दिया:
“सेंसर सर्टिफिकेट मिलने के बाद रिलीज़ रोकना भीड़तंत्र है और असंवैधानिक है।”
कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को सुरक्षा सुनिश्चित करने और धमकी देने वालों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया।
📚 क्या है भाषा का इतिहास?
कमल हासन का बयान ऐतिहासिक और भाषावैज्ञानिक तथ्यों पर आंशिक रूप से आधारित था, लेकिन अधूरा था।
- तमिल और कन्नड़ दोनों द्रविड़ भाषा परिवार की सदस्य हैं
- लेकिन यह कहना गलत है कि कन्नड़ तमिल से “निकली” है
- कन्नड़ का स्वतंत्र विकास हुआ है
- इसके प्राचीन अभिलेख 450-500 ईस्वी में मिलते हैं
- विद्वानों के अनुसार कन्नड़ का मौखिक रूप 200 ईसा पूर्व तक देखा जा सकता है
📉 फिल्म की कमाई पर असर
अब जब सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल चुकी है,
तो क्या कर्नाटक में ठग लाइफ को स्क्रीन मिल पाएंगी?
- स्थानीय डिस्ट्रीब्यूटरों का कहना है:
“दो हफ्ते बाद फिल्म रिलीज़ करने से कोई बिज़नेस नहीं होगा।” - नई फिल्में रिलीज़ हो चुकी हैं
- स्क्रीनों की उपलब्धता नहीं है
- विरोध भी पूरी तरह शांत नहीं हुआ
🧠 दक्षिण बनाम दक्षिण: भाषाई असहमति का नया रूप
अब तक भाषा विवादों में हिंदी बनाम दक्षिण भारतीय भाषाएं थीं
लेकिन इस बार, विवाद है तमिल बनाम कन्नड़ का।
क्या दक्षिण भारत में अब आपसी भाषाई अस्मिता की लड़ाई तेज हो रही है?
यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति हो सकती है,
जो भाषा के बहाने संवेदनशीलता, राजनीति और पहचान के सवाल खड़े कर रही है।
🙋 निष्कर्ष: फिल्म से बड़ा सवाल—हम कौन सी भाषा बोलें और कैसे?
कमल हासन की फिल्म ठग लाइफ तो शायद कर्नाटक में फ्लॉप हो जाए,
लेकिन यह विवाद यह सवाल छोड़ गया है कि:
- क्या भाषा पर बात करना एक कलाकार की आज़ादी नहीं होनी चाहिए?
- क्या कन्नड़ बनाम तमिल की बहस दक्षिण भारत को और बांट रही है?
- क्या भाषा के नाम पर भीड़ का राज संविधान से ऊपर हो गया है?