“माजबार अमरीका!” – लाल झंडे के नीचे उबलता ईरान
इस्लाम में हरा रंग पवित्रता और शांति का प्रतीक है, लेकिन जब किसी शिया मस्जिद पर लाल झंडा लहराया जाए, तो समझ लीजिए—यह सिर्फ श्रद्धा नहीं, शहादत और बदले का एलान है।
ईरान के पवित्र शहर क़ुम (Qom) स्थित जमकरान मस्जिद पर बीते दिनों लाल झंडा फहराया गया है। यह संकेत है कि ईरान अब अपने दुश्मन के खिलाफ सीधी और निर्णायक कार्रवाई की तैयारी में है।
🕌 जमकरान मस्जिद: एक पवित्र और प्रतीकात्मक स्थल
जमकरान मस्जिद शिया इस्लाम में विशेष स्थान रखती है। शिया विश्वासियों के लिए यह मस्जिद इमाम अल-महदी की प्रतीक्षा और उनकी वापसी का प्रतीक स्थल मानी जाती है। जब यहां लाल झंडा फहराया जाता है, तो उसका सीधा अर्थ होता है:
“कोई निर्दोष मारा गया है। उसका खून अभी तक बदले की मांग कर रहा है।”
🩸 लाल झंडे का ऐतिहासिक और धार्मिक अर्थ
इस प्रतीक की जड़ें 680 ईस्वी की करबला की घटना से जुड़ी हैं, जब हज़रत इमाम हुसैन और उनके 72 अनुयायियों ने यज़ीद की तानाशाही के खिलाफ खड़े होकर शहादत को चुना था।
- हुसैन का खून आज भी अन्याय के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक है।
- लाल झंडा, उनके खून का स्मरण और यह वादा होता है कि “ज़ुल्म पर चुप नहीं बैठेंगे।”
🚨 ईरान का ऑपरेशन: True Promise 3
ईरान की ओर से इज़रायल के खिलाफ सैन्य जवाब की तैयारी का संकेत भी अब साफ हो गया है। जवाबी कार्रवाई को नाम दिया गया है:
🔴 True Promise 3 – ‘सच्चा वादा’
यह नाम दर्शाता है कि ईरान अब सिर्फ राजनीतिक भाषा में नहीं, सैन्य कार्रवाई के स्तर पर भी बात करने को तैयार है।
📅 इतिहास दोहराया जा रहा है: क़ासिम सुलेमानी के बाद भी यही झंडा लहराया गया था
साल 2020 में जब जनरल क़ासिम सुलेमानी की हत्या अमेरिका द्वारा की गई थी, तब भी इसी मस्जिद पर लाल झंडा लहराया गया था। और अब एक बार फिर वही दृश्य दोहराया जा रहा है।
इस बार कारण है:
- इज़रायल द्वारा तेहरान पर हमला,
- जिसमें ईरान के 20 से ज्यादा सैन्य अधिकारी और न्यूक्लियर साइंटिस्ट मारे गए।
🕊️ धार्मिक प्रतीक से राजनीतिक घोषणा तक
शिया परंपरा में झंडा लहराना एक धार्मिक अनुष्ठान हो सकता है, लेकिन इस विशेष परिस्थिति में यह:
- राजनीतिक एलान है
- सैन्य चेतावनी है
- और एक सांस्कृतिक शोक प्रदर्शन भी
🗣️ ईरान का संदेश क्या है?
ईरान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि:
- बदला लिया जाएगा
- इस्राइल को इसकी “कीमत चुकानी” होगी
- और यह संघर्ष सिर्फ सीमित जवाब नहीं, “True Promise” के रूप में एक अभियान बन चुका है
🌍 वैश्विक चिंता और धार्मिक प्रतीक का संदेश
लाल झंडे का लहराया जाना सिर्फ एक राष्ट्र की नाराज़गी नहीं, बल्कि एक धार्मिक विश्वास की चेतावनी भी है, जो कहता है:
“हमने अन्याय देखा है, और अब हम खामोश नहीं रहेंगे।”